जन्म कुंडली का सप्तम भाव देता है आपके विवाह की जानकारी। आपकी कुंडली के सप्तम भाव पर ग्रहों के प्रभाव से पता चलती है आपकी वैवाहिक स्थिति। सप्तम भाव, सप्तमेश व गुरु और शुक्र की स्थिति से पता चलती है आपके जीवनसाथी की विशेषताएं।
सही उम्र, समय और सही व्यक्ति के साथ विवाह दिलाता है सौभाग्य।
वहीं विवाह में देरी या समस्या के कारण आपकी कुंडली से मिलने संभव है।
कुंडली नहीं मिलाना या विवाह पूर्व परामर्श हो सकते हैं वैवाहिक जीवन की समस्या के संभव कारण।
इन ज्योतिषीय समाधान से मिल सकता है सही जीवन साथी।
माता वैभव लक्ष्मी और गौरी माता की पूर्ण विधि से करें अराधना।
इसके साथ अपनी कुंडली के सप्तम भाव और विवाह से संबंधित डिविजनल चार्ट का कराएं विश्लेषण।
विवाह से पहले पूर्व वैवाहिक परामर्श कराना न भूलें।
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